विश्व डायबिटीज दिवस | World Diabetes Day   

World Diabetes Day 2021 (विश्व डायबिटीज दिवस 2021)

World Diabetes Day 2021 (विश्व डायबिटीज दिवस 2021)

भारत में बहुत से लोग इस बात से अनजान है डायबिटीज दिवस क्यों मनाया जाता है? विश्व की युवा आबादी एक बड़े हिस्से में धीरे-धीरे लोगों के अंदर समाता जा रहा है। कुछ शोधकर्ता के मुताबिक आने वाले समय में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में इजाफा होना चिंता का विषय है, लेकिन असल चिंता ये है कि किस उम्र में लोगों को यह समस्या हो रही हैे। पश्चिम में अधिकांश लोगों को 60 दशक में डायबिटीज होता है।

लेकिन भारत में इसका डर 30 से 45 की उम्र के बीच सबसे अधिक है। डायबिटीज के मरीजों के मुताबिक, पश्चिमी देशों में जिन लोगों को पहली बार डायबिटीज का पता चला है, उनकी उम्र 60 से अधिक होती थी। साथ डॉक्टर के अनुसार, युवा पीढ़ी के लोगों में अक्सर अन्य कारणों में डायबिटीज का पता चलता है। कुछ सामान्य लक्षणों में भूख और प्यार में वृद्धि., बार-बार पेशाब आना, सुस्ती वजन कम होना, घाव भरने में देरी र्आदि लक्षण नजर आ सकते हैं।

जिस तरह से देश के युवाओं में डायबिटीज के मामले बढ़ते दिख रहे हैं, इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि,35 साल के बाद हर युवा साल में कम से कम एक बार डायबिटीज की जांच करवाएं। यह बीमारी को काफी हद तक बिगड़ने से रोक सकता है, क्योंकि शरीर में लंबे समय तक हाई शुगर का लेवल रक्तचाप में वृद्धि, दिल, किडनी, लीवर और आंखों को प्रभावित करने जैेसी जटिलताओं को जन्म  देता है। तो चलिए अब बात करते हैं विश्व दिवस कब माना जाता है?

विश्व डायबिटीज दिवस कब मनाया जाता है? 

विश्व डायबिटीज दिवस हर 14 नवंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। विश्व डायबिटीज दिवस हर साल 14 नवंबर को “फ्रेडरिक बैंटिग” के जन्मदिन पर मनाया जाता है, जिन्होंने बेंट के साथ मिलकर 1921 में टोरंटो, कनाडा में इसुलिन की खोज की थी।

विश्व डायबिटीज दिवस क्यों मनाया जाता है? 

डायबिटीज के रोगियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए 1991 में विश्व डायबिटीज संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व डायबिटीज दिवस आयोजित करने का विचार किया। डायबिटीज के रोगी शहरी आबादी की तुलना में ग्रामीण आबादी में कम पाए जाते हैं, क्योंकि भोजन के सेवन में अंतर होता है। इस बीमारी से बचाव के लिएन सिर्फ जागरूकता बल्कि जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी है। 1991 से प्रत्येक 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विश्व डायबिटीज दिवस का इतिहास 

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ और इंटरनेशनल डायबिटीज एसोसिएश द्वारा पहली बार 1991 में 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस का आयोजन किया गया था। विश्व डायबिटीज दिवस 14 नवंबर को मनाने का मुख्य कारण है, इस दिन इंसुलिन की खोज करने वाले वैज्ञानिक “फ्रेडरिक बैंटिग”  का जन्म हुआ था। जिन्हें जॉन मैकलियोड के साथ 1923 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1991 में विश्व डायबिटीज दिवस की स्थापना विश्व डायबिटीज संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा डायबिटीज के मामलों की बढ़ती संख्या और देशों पर इसके बोझ को दूर करने के प्रयास में की गई थी।

आज दुनिया भर में 10 में से 1 वयस्क को डायबिटीज है, एक ऐसी समस्या है, जो राष्ट्रों पर भारी बोझ बनती जा रही है। क्यौंकि इस्से उनके स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि को खतरा है। डायबिटीज का प्रसार मध्य पूर्व और दक्षिणी एशिया में सबसे अधिक है जबकि यह उप सहारा अफ्रीका में सबसे कम है। साथ ही डायबिटीज विशेष रूप से मोटापे और एक गतिहीन व एक आसान जीवनशैली से जोड़ा गयाा है और इस प्रकार विश्व डायबिटीज दिवस एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा देने का काम करता है, जो डायबिटीज के विकास के जोखिम को काफी कम कर सकता है।

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