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डायबिटीज: जानिए लक्षण और उपाय सरल भाषा में

डायबिटीज: जानिए लक्षण और उपाय सरल भाषा में

डायबिटीज एक ऐसा रोग है जिसे एक बार हो जाएं वे पूरी जिंदगी परेशान रहता है। अगर समय रहते इस रोग पर ध्यान न दिया जाए तो शरीर में अन्य कई रोग उत्पन्न कर देता है। इस रोग के होने से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है और वर्तमान में सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि इस रोग से बच्चे भी परेशान है।

डायबिटीज: जानिए लक्षण और उपाय सरल भाषा में

डायबिटीज: जानिए लक्षण और उपाय सरल भाषा में

एक शोधकर्ता के अनुसार, यह खतरनाक रोग शरीर को धीरे-धीरे खोखला करता है और ब्लड शुगर बढ़ने से यह बीमारी होती है। इस दौरान इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं करता। यदि इसको नजरअंदाज किया जाए तो शरीर के दूसरे अंग निष्क्रिय हो सकते हैं।

आपको बता दें कि, साल 1980 में 18 साल से ज्यादा उम्र वाले डायबिटीज से पीड़ित युवाओं का प्रतिशत 5 से कम था, लेकिन 2014 में ये आंकड़ा 8.5 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन में एक अनुमान लगाया है कि निम्र और मध्यम आयुवर्ग वाले देशों के लगभग 80 फीसदी युवाओं के खाने-पीने की आदतों में बदलाव हो रहा है।

डायबिटीज के प्रकार

विशेषज्ञों की माने तो हमारे खून में शुगर का लेवल बढ़ने के कारण होने वाली इस बीमारी के मुख्यरूप से चार प्रकार होते हैं जैसे –

  1. टाइप-1 डायबिटीज –  ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें इम्यून सिस्टम पैंक्रियाज की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। जिससे इंसुलिन का उत्पादन प्रभावित हो जाता है। डायबिटीज के लगभग 10 प्रतिशत लोगों में इस प्रकार की समस्या होती है।
  2. टाइप-2 डायबिटीज – इस स्थिति में हमारी बॉडी इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाती है और खून में शुगर का लेवल बढ़ने लगती है।
  3. प्रीडायबिटीज – ब्लड शुगर सामान्य से अधिक है लेकिन टाइप-2 डायबिटीज के निदान के लिए पर्याप्त न होने की स्थिति होती है।
  4. गर्भवधि डायबिटीज – ये गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज की समस्या है।

डायबिटीज में किस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं?

जैसा कि आप हर कोई लाइफस्टाइल के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जो जीवन में स्ट्रेस और किसी भी खान-पान की वजह से हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसे विकार को आप जीवन का हिस्सा बनते जा रहे हैं। इसमें डायबिटीज से बहुत सारे युवा तक पीड़ित होने लगे हैं। डायबिटीज अपने साथ कई बीमारियों को न्यौता देती है। इस विकार से शरीर के बहुत सारे अंग खराब होने लगते हैं जिसमें हमारे शरीर की स्किन भी शामिल है। स्किन के ऐसे बहुत से लक्षण है जो बताते हैं कि व्यक्ति की शुगर सामान्य नहीं है।

  • अन्य समस्याओं का होना – डायबिटीज से आंखों की कमजोकी, दिल की समस्याएं, किडनी के कार्यों में दिक्कत और स्किन सहित कई अंगों की समस्याएं प्रमुख तौर पर दिखने लगती है। ये एक साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं को आमंत्रित करने वाला विकार कही जाती है। इसका सही समय आने पर निदान होना भी बहुत जरूरी है। शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने के संकेत स्किन पर भी साफ दिखाई देने लगते हैं।
  • स्किन पर असर दिखाई देना – हमारी बॉडी में शुगर लेवल बढ़ने से इंसान को बार-बार पेशाब आने लगता है। डायबिटीज से रोगी के शरीर में पानी का लेवल भी बार-बार कम होने लगता है, जिससे डीहाइड्रेशन की समस्या भी हो जाती है। इसी डाहाइड्रेशन की वजह से मरीज की स्किन पर सीधा असर होता है और स्किन में रूखापन दिखाई देने लगता है।
  • लापरवाही बरतना – हमारी स्किन में ऐसे बहुत से संकेत दिखने लगते हैं जिससे डायबिटीज होने का पता लग जाता है और इन्हें ही प्रीडायबिटीज लक्षण कहते हैं। इसमें व्यक्ति को सलाह दी जाती है कि, इस तरह के संकेत दिखने पर हमें तुरंत ही उपचार के लिए डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है नहींं तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है।
  • स्किन पर धब्बों होना – ऐसे बहुत से डायबिटीज रोगी को उनकी स्किन पर काले धब्बे दिखाई देने लगते हैं। खासतौर पर गर्दन और कांख में होता है। इन हिस्सों को छूने पर उन्हें ऐसा लगता है जैसे वे कोई वेल्वेट छू रहे हैं। ये भी एक प्रीडायबिटीज लक्षण है जिसे चिकित्सकीय भाषा में एकैनथोसिस निग्रीकैन्स कहा जाता है। इसे पता चलता है कि, हमारी बॉडी में शुगर या इंसुलिन की मात्रा बढ़ गई है।
  • चोट के घाव – यदि आपके शरीर में कोई चोट लगी है और उससे स्किन पर भी घाव हो गया है और वो घाव भरने में बहुत अधिक समय लग रहा है, तो इसका अर्ध है कि आपकी बॉडी में  शुगर का स्तर बढ गया है। इससे तंत्रिकाएं नष्ट हो जाती है, जिसकी वजह से स्किन जख्मों को भरने में समस्याएं आने लगती है। इस तरह की समस्या को डायबिटीज अल्सर कहते हैं और ऐसे में आपको तुंरत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

डायबिटीज होने के क्या कारण हो सकते हैं?

डायबिटीज के कारण लिंग, उम्र और मेडिकल स्थिति के आधार पर ये कारण अलग-अलग भी हो सकते हैं। अगर आपके माता-पिता या घर में किसी अन्य व्यक्ति को डायबिटीज है तो इसका खतरा आपके लिए भी हो सकता है। इसके अलावा आहार में चीनी युक्त चीजों का अधिक सेवन, शारीरिकस गतिविधि में कमी, मोटापा आदि के कारण भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं। वहीं समय के साथ डायबिटीज की वजह से दिल की बीमारी, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, न्यूरो, आंख और कान से संबंधित समस्याएं भी हो सकती है।

क्या है डायबिटीज का इलाज?

डायबिटीज के इलाज का पहला लक्ष्य रोगी के ब्लड शुगर के लेवल को कम करके अन्य जटिलताओं के खतरे को कम करना होता है। साथ ही मरीज के लक्षण और गंभीरता को देखते हुए दवाइयां या फिर इंसुलिन दी जा सकती है। डायबिटीज के मरीजों को कार्बोहाइड्रेट और मीठी चीजों के सेवन से परहेज की सलाह दी जाती है। डायबिटीज के इलाज के बचाव और व्यायाम का बड़ा रोल माना जाता है।

क्या है डायबिटीज के सरल उपाय?

विशेषज्ञों की माने तो टाइप-1 डायबिटीज को रोका नहीं जा सकता है, क्योंकि ये इम्यून सिस्टम की समस्या की वजह से होने वाली दिक्कते हैं। वहीं टाइप 2 डायबिटीज के कुछ कारण जैसे, आपके जीन या उम्र आपके कंट्रोल में नहीं होते हैं। साथ ही डायबिटीज से बचाव के लिए इन उपायों को इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

इसके अलावा डायबिटीज के उपाय के लक्ष्य आपके ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने और डायबिटीज की जटिलताओं को रोकने के लिए है। एक अंदरूनी स्वास्थ्य प्राप्त करने में आपकी मदद के लिए इन सरल उपायों को अपना सकते हैं जैसे की –

  • पोषण – जब आपको टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज होती है, तब आपको न केवल आपके खाने के बारे में बहुत सी जानकारी होना जरूरी है, बल्कि आपको कब और कितना खाना चाहिए इसका भी अच्छे से पता होना चाहिए।
  • शारीरिक गतिविधि – शारीरिक गतिविधिायों के टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने और दिल की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • दवाएं – अगर आपको टाइप-2 डायबिटीज होती है, तो कभी-कभी स्वस्थ खाने और शारीरिक गतिविधि में शामिल होना पर्याप्त नहीं है। आपके ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद के लिए आपके डॉक्टर आपको मौखिक दवा दे सकते हैं। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों के लिए और टाइप -2 डायबिटीज के कुछ लोगों के लिए, इसको कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन लेना ही पढ़ता है।

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